निषाद पार्टी प्रमुख संजय निषाद के सुर बदले, बोले- कभी-कभी फिसल जाती है जीभ
Sanjay Nishad
गोरखपुर। Sanjay Nishad: उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और निषाद पार्टी प्रमुख संजय निषाद के तेवर बदल गए हैं, जो जुबान फिसलन(slippery tongue) के कारण विरोधियों के निशाने(opponents' targets) पर आ गई है। उन्होंने रविवार को अपनी बात वापस लेते हुए कहा कि यह जुबान है, कभी फिसलती है। कहा कि कुछ लोग मेरी बातों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं।
कैबिनेट मंत्री ने अब कही ये बात
मजदूरों को गधों और कुत्तों से सीखने की सलाह देने वाली विवादित टिप्पणी(controversial remark) के बारे में कहा कि मेरा मकसद सिर्फ मजदूरों को समझाना था, उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाना(hurt feelings) नहीं. इसलिए मैंने उन्हें कुछ उदाहरणों से समझाने की कोशिश की। कुछ लोग इसका गलत अर्थ निकाल रहे हैं, इसलिए मैं अपनी बात वापस लेता हूं।
ये मामला है
बलिया में निषाद समुदाय के कार्यकर्ताओं को कुत्तों और गधों से सीखने की सलाह(Activists advised to learn from dogs and donkeys) देते हुए एक कैबिनेट मंत्री का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में उन्होंने कहा है कि हमारे पास निषाद गुह्यराज महाराज का खून है, लेकिन पिछली सरकारों ने इस खून को सुला दिया था और पंजा पीकर बेहोश कर दिया था.
यह है वीडियो में आपत्तिजनक बातें
मंत्री ने गधे का उदाहरण देते हुए कहा कि मन का सबसे कमजोर जीव भी पीछे खड़े व्यक्ति को शत्रु मानता है और उसी शत्रु को आप पिछले 70 वर्षों से चुन रहे हैं। वह समुदाय के लोगों से पूछ रहे हैं - आपने अपने बच्चों के लिए क्या किया है? कुत्ते के बच्चे को कोई छेड़ता है तो उसकी माँ उसका मांस निकाल देती है। कुत्ते भी अपने बच्चों से प्यार करते हैं। अगर आप थाने जाएंगे तो आपके समुदाय का कोई नहीं आएगा। किसी थाने में जाइए, वहां आपको अपने समुदाय का कोई सिपाही नहीं मिलेगा। बीडीओ कार्यालय में चपरासी भी नहीं मिलेगा। डीएम कार्यालय में क्लर्क भी आपके समुदाय से नहीं है।
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